ज़िक्रे अहमद से सीना सजा है, इश्क है ये तमाशा नहीं है

ज़िक्रे अहमद से सीना सजा है, इश्क है ये तमाशा नहीं है, वो भी दिल कोई दिल है जहां में, जिसमे तस्वीरे तैबह नहीं है। ऐ मेरी मौत रुक जा अभी तू, फिर चलेंगे (मिलेंगे) जहां तू कहेगी, अपने मश्के तसव्वुर में तैबह, मैंने जी भर के देखा नहीं है। हज की दौलत जिसे मिल न पाए, जाए जाए...

बुलालो फिर मुझे ए शाहे बहरोबर, मदिने मैं

बुलालो फिर मुझे ए शाहे बहरोबर, मदिने मैं   बुलालो फिर मुझे ए शाहे बहरोबर, मदिने मैं   मैं फिर रोता हुवा आऊँ   मैं फिर रोता हुवा आऊँ, तेरे दर पर मदिने में       में पहुन्चू कोए जाना में, ग़रीबान चक सीना चक   में पहुन्चू कोए जाना में,...

बलगल उला बे कमालीही

बलगल उला बे कमालीही कश-फद-दु बी जमालीही   हसनत जमीउ खिसालीही सल्लु आलाहे वालेहि करू तेरे नाम पे जा फिदा ना बस एक जान दो जहाँ फिदा दो जहाँ से भी नही जी भरा करू क्या करोड़ो जहाँ नही सल्लुआलाहे वालेहि ……………. ना तो मेरा कोय कमाल है ना है दखल इस मे गुरूर का मूज़े रखते...

आज अश्क मेरे नात सुनाए तो अजब किया

आज अश्क मेरे नात सुनाए तो अजब किया सुनकर वोह मुझे पास बुलाए तो अजब किया उन पर तो गुनेहगार का सब हाल खूला है उस पर भी वोह दामन में छुपाए तो अजब किया मुंह ढानप के रखना रखना के गुनेहगार बहुत है मय्यत को मेरी देखने आए तो अजब किया ना जादे सफर हे ना कोई काम भले है फीर भी...

मुझ पे भी चश्मे करम ऐ मेरे आक़ा करना

मुझ पे भी चश्मे करम ऐ मेरे आक़ा करना हक़ तो मेरा भी है रहमत का तकाज़ा करना तू किसी को भी उठाता नहीं अपने दर से के तेरी शान के शाया नहीं ऐसा करना मैं के ज़र्रा हूं मुझे वुसअते शहदा दे दे कि तेरे बस में है क़तरे को भी दरिया करना ये तेरा काम है ऐ आमना के दुर्रे यतीम सारी...