सुब्ह़ त़यबा में हुई बटता है बाड़ा नूर का

सुब्ह़ त़यबा में हुई बटता है बाड़ा नूर का सदक़ा लेने नूर का आया है तारा नूर का बाग़े त़यबा में सुहाना फूल फूला नूर का मस्ते बू हैं बुलबुलें पढ़ती हैं कलिमा नूर का बारहवीं के चांद का मुजरा है सज्दा नूर का बारह बुर्जों से झुका एक इक सितारा नूर का तेरे ही माथे रहा है ऐ जान...

सिर्फ़ एक बार, सिर्फ़ एक बार

सिर्फ़ एक बार, सिर्फ़ एक बार सिर्फ़ एक बार, सिर्फ़ एक बार दिल से मुस्तफ़ा को तू पुकार होगा बेड़ा पार, होगा बेड़ा पार जहाँ जहाँ भी गए वो करम ही करते गए किसी ने माँगा न माँगा वो झोली भरते गए ऐसे हैं सरकार ! मेरे ऐसे हैं सरकार ! ऐसे हैं सरकार ! मेरे ऐसे हैं सरकार ! कोई आ जाए...

पढ़ना क़सीदा हक़ दे वली दा

पढ़ना क़सीदा हक़ दे वली दा सारे लगाओ ना’रा अली दा   मौला ते मेरा, पीरां दा पीर ए मैं की डसेवां ! किन्ना अमीर ए तह्तु-स्सरा तों अर्श-ए-उला ताईं सारे दा सारा रक़बा अली दा पढ़ना क़सीदा हक़ दे वली दा सारे लगाओ ना’रा अली दा हिक आम बाल ए, हिक ख़ास बाल ए जेह्ड़ा ख़ास बाल ए, ज़हरा...

नूर वाला आया है नूर ले कर आया है

नूर वाला आया है नूर ले कर आया है सारे आलम में ये देखो कैसा नूर छाया है अस्सलतू वस्सलामू अलाइका या रसूल अल्लाह अस्सलतू वस्सलामू अलाइका या हबीब अल्लाह जब तलाक़ ये चाँद तारे झिलमिलते जाएँगे तब तलाक़ जश्न ए विलादत हम मानते जाएँगे नूर वाला आया है नूर लेकर आया है सारे आलम...

लह़द में इ़श्क़-ए-रुख़-ए-शह का दाग़ ले के चले

लह़द में इ़श्क़-ए-रुख़-ए-शह का दाग़ ले के चले अंधेरी रात सुनी थी चिराग़ ले के चले तेरे ग़ुलामों का नक़्श-ए-क़दम है राह-ए-ख़ुदा वोह क्या बहक सके जो येह सुराग़ ले के चले जिनां बनेगी मुह़िब्बाने चार यार की क़ब्र जो अपने सीने में येह चार बाग़ ले के चले गए, ज़ियारत-ए-दर की, सद आह !...