Kharab haal kiya dil ko pur malaal kiya

Kharab haal kiya dil ko pur malaal kiya Tumhare kuchey se rukhsat kiya nihal kiya     Na rooye gul abhi dekha na booye gul soonghi Qaza ne laakey qafus me shikasta haal kiya     Woh dil ki khoo(n) shuda arma they jisme mul dala Fugha(n) ke gore...

ख़राब हाल किया दिल को पुर मलाल किया

ख़राब हाल किया दिल को पुर मलाल किया तुम्हारे कूचे से रुख़्सत किया निहाल किया न रुए गुल अभी देखा न बूए गुल सूंघी क़ज़ा ने लाके क़फ़स में शिकस्ता हाल किया वोह दिल कि ख़ूं शुदा अरमा थे जिसमें मल डाला फुग़ां के गोरे शहीदां को पाएमाल किया यह राय क्या थी वहां से पलटने कि ऐ नफ़्स...

या इलाही भूल जाऊं नज़्अ़ की तक्लीफ़ को

या इलाही भूल जाऊं नज़्अ़ की तक्लीफ़ को शादिये दीदारे ह़ुस्ने-मुस्त़फ़ा का साथ हो       या इलाही गोरे तीरह की जब आए सख़्त रात उन के प्यारे मुंह की सुब्ह़े जां फ़िज़ा का साथ हो       या इलाही जब पड़े मह़शर में शोरे दारो गीर अम्न देने वाले प्यारे...