Ya Rab Meri Soi Hui Taqdeer Jaga De


Ya Rab Meri Soi Huyi Taqdeer Jaga De
Aankhein Mujhay Di Hain To Madina Bhi Dikha De.

Sun Nay Ki Jo Quwat Mujhe Bakhshi Hai Khuda Wand
Phir Masjid E Nabawi Ki Azanein Bhi Suna De.

Huroon Ki Na Ghulman Ki Na Jannat Ki Talab Hai
Madfan Mera Sarkar Ki Basti Main Bana De.

Mudat Say Mein Inn Hathoon Say Karta Hoon Duaein
In Hathon Main Ab Jali Sunehri Bhi Thama De.

Moun Hasher Mein Mujhko Na Chupana Parhay Ya Rab
Mujh Ko Teray Mehboob Ki Chadar Mein Chupa De.

Ishrat Ko Bhi Ab Khushbu E Hassan Aata Kar
Jo Lafz Kahay Hein Unhein To Tu Naat Bana De.

Ya Rab Meri Soi Hui Taqdeer Jaga De
Ankhein Mujhe Di Hein To Madina Bhi Dikha De

poet;Ishrat Godharwi 
Naat Reciter;Farhan Ali Qadri


या रब मेरी सोई हुई तकदीर जगा दे
आंखें मुझे दी हैं तो मदीना भी दिखा दे.

सुनने की जो कुव्वत मुझे बख्शी है खुदा वंद
फिर मस्जिद ए नबवी की अज़ानें भी सुना दे.

या रब मेरी सोई हुई तकदीर जगा दे
आंखें मुझे दी हैं तो मदीना भी दिखा दे.

हूरों की ना घिलमाँ की ना जन्नत की तलब है
मदफ़न मेरा सरकार की बस्ती में बना दे.

या रब मेरी सोई हुई तकदीर जगा दे
आंखें मुझे दी हैं तो मदीना भी दिखा दे.

मुद्दत से में हाथों से करता हूं दुआएं
हाथों में जाली वो सुनहरी भी थामा दे.

या रब मेरी सोई हुई तकदीर जगा दे
आंखें मुझे दी हैं तो मदीना भी दिखा दे.

मुह हश्र में मुझ को ना छुपाना पड़े या रब
मुझे तेरे मेहबूब के चादर में छुपा दे.

या रब मेरी सोई हुई तकदीर जगा दे
आंखें मुझे दी हैं तो मदीना भी दिखा दे.

इशरत को भी अब खुशबू-ए हसन अता कर
जो लफ़्ज़ कहें तू उन्हें नात बना दे.

या रब मेरी सोई हुई तकदीर जगा दे
आंखें मुझे दी हैं तो मदीना भी दिखा दे.

या रब मेरी सोई हुई तकदीर जगा दे
आंखें मुझे दी हैं तो मदीना भी दिखा दे.

या रब मेरी सोई हुई तकदीर जगा दे
आंखें मुझे दी हैं तो मदीना भी दिखा दे.

शाइर: ईशरत गोधरवी
नात खवां: फरहान अली कादरी


یا رب میری سوئی ہوئی تقدیر جگا دے
آنکھیں مجھے دی ہیں تو مدینہ بھی دکھا دے۔

سننے کی جو قوت مجھے بخشی ہے خداوند
پھر مسجدِ نبوی کی اذانیں بھی سنا دے۔

حوروں کی نہ غلمان کی نہ جنت کی طلب ہے
مدفن میرا سرکار کی بستی میں بنا دے۔

مدت سے میں ہاتھوں سے کرتا ہوں دعائیں
ہاتھوں میں جالی وہ سنہری بھی تھما دے۔

محشر میں مجھ کو نہ چھپانا پڑے یا رب
مجھے تیرے محبوب کے چادر میں چھپا دے۔

عشرت کو بھی اب خوشبوئے حسن عطا کر
جو لفظ کہیں، تو انہیں نعت بنا دے۔

یا رب میری سوئی ہوئی تقدیر جگا دے
آنکھیں مجھے دی ہیں تو مدینہ بھی دکھا دے۔


Ya Rab Meri Soi Hui Taqdeer Jaga De || Naat Lyrics || या रब मेरी सोई हुई तकदीर जगा दे

Ya Rab Meri Soi Hui Taqdeer Jaga De || Naat Lyrics || या रब मेरी सोई हुई तकदीर जगा दे


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