जो तेरा त़िफ़्ल है कामिल है या ग़ौस

जो तेरा त़िफ़्ल है कामिल है या ग़ौस तुफ़ैली का लक़ब वासिल है या ग़ौस     तसव्वुफ़ तेरे मक्तब का सबक़ है तसर्रुफ़ पर तेरा आ़मिल है या ग़ौस     तेरी सैरे इल्लल्लाह ही है फिल्लाह कि घर से चलते ही मूसिल है या ग़ौस     तू नूरे अव्वलो आख़िर है मौला तू...

जोबनों पर है बहारे चमन आराइये दोस्त

जोबनों पर है बहारे चमन आराइये दोस्त खुल्द का नाम न ले बुलबुले शैदाइये दोस्त थक के बैठे तो दरे दिल पे तमन्नाइये दोस्त कौन से घर का उजाला नहीं ज़ैबाइये दोस्त   अ़र्स ए ह़श्र कुजा मौक़िफ़े मह़मूद कुजा साज़ हंगामों से रखती नहीं यकताइये दोस्त मेह़र किस मुंह से जिलौ दारिये...

या इलाही भूल जाऊं नज़्अ़ की तक्लीफ़ को

या इलाही भूल जाऊं नज़्अ़ की तक्लीफ़ को शादिये दीदारे ह़ुस्ने-मुस्त़फ़ा का साथ हो       या इलाही गोरे तीरह की जब आए सख़्त रात उन के प्यारे मुंह की सुब्ह़े जां फ़िज़ा का साथ हो       या इलाही जब पड़े मह़शर में शोरे दारो गीर अम्न देने वाले प्यारे...

इ़श्क़े मौला में हो ख़ूंबार कनारे दामन

इ़श्क़े मौला में हो ख़ूंबार कनारे दामन या खुदा जल्द कहीं आए बहारे दामन बह चली आंख भी अश्कों की त़रह़ दामन पर कि नहीं तारे नज़र जुज़ दो सेह तारे दामन अश्क बरसाऊं चले कूचए जाना से नसीम या खुदा जल्द कहीं निकले बुख़ारे दामन दिल शुदों का यह हुवा दामने अत़्हर पे हुजूम बे-दिलआबाद...