अपने दामान-ए-शफाअ़त में छुपाए रखना

अपने दामान-ए-शफाअ़त में छुपाए रखना मेरे सरकार ﷺ मेरी बात बनाए रखना   मैंने माना के निकम्मा हूं मगर आप ﷺ का हूं मुझ निकम्मे को भी सरकार ﷺ निभाए रखना   किसी मनसब का तलबगार हूं न दुनिया का ख़ाक़ हूं मैं मुझे क़दमों से लगाए रखना     आप ﷺ की याद से आबाद...

Apne Damane Shafa’at Meiñ chhupaaye Rakhna

Apne Damane Shafa’at Meiñ chhupaaye Rakhna Mere Sarkar ﷺ Meri Baat Banaye Rakhna   Maine Mana Ke Nikamma Huñ Magar Aap ﷺ Ka Huñ Mujh Nikamme Ko Bhi Sarkar ﷺ Nibhaaye Rakhna   Kisi Mansab Ka Talabgaar Hooñ Na Duniya Ka Khak Hooñ Maiñ Mujhe Qadmoñ Se Lagaye...

शेहर नबी तेरी गलियों का नक़्शा ही कुछ ऐसा है

शेहर नबी तेरी गलियों का नक़्शा ही कुछ ऐसा है ख़ुल्द भी है मुश्ताक़े ज़ियारत जल्वा ही कुछ ऐसा है   दिल को सुकूं दे, आँख को ठंडक, रौज़ा ही कुछ ऐसा है फ़र्शे ज़मीं पर अर्शे बरी हो लगता ही कुछ ऐसा है   उनके दर पर ऐसा झुका दिल ! उठने का कुछ होश नहीं अहले शरीयत हैं सकते...

Wah Kya Jood o Karam Hai Shah-e Bat’ha Tera

Koi Duniya e Ata Mein Nahin Hamta Tera Ho Jo Haatim Ko Mayassar Ye Nazara Tera Keh Uthe Dekh Ke Bakhshish Meiñ Ye Rutba Tera   Wah Kya Jood o Karam Hai Shah-e Bat’ha Tera Nahiñ Sunta Hi Nahiñ Mangne Wala Tera.   Ilm Aisa bhi na de khud ko kahuñ un jaisa Isse...