हम खाक हैं और खाक ही माया है हमारा

हम ख़ाक हैं और ख़ाक ही मावा है हमारा खाकी तो वोह आदम जदे आ’ला है हमारा अल्लाह हमें खाक करे अपनी तलब में येह खाक तो सरकार से तमगा है हमारा जिस खाक पे रखते थे क़दम सव्यिदे आलम उस खाक पे कुरबां दिले शैदा है हमारा खुम हो गई पुश्ते फलक इस ता’ने ज़मीं से सुन हम...

बे खुद कि डेते ये हे

बे खुद किडेते ये हेन्, अन्दाज ए हिजाबान आ डिल मेइन टुझरी रख लून्, ऐए जल्व ए जानना जी चहता है टोउह्फरी मेइन बेह्जोउन मैन उन्हेइन आखेइन् करी डर्शन क टो डर्शन हो, णज्रनरी क णज्रना ।   क्युन आन्ख मिलयी ठि, क्यून आग लगयी ठि अब रुख को चुपा बैथ कर केय मुझरी डेवना ।...