करम मांगता हूँ, अता मांगता हूँ

करम मांगता हूँ, अता मांगता हूँ इलाही मैं तुझ से दुआ मांगता हूँ   करम मांगता हूँ… अता कर तू शान-ए-करीमी का सदक़ा तू दे दे इलाही ! रहीमी का सदक़ा न मांगूंगा तुझ से तो मांगूंगा किस से तेरा हूँ तुझी से दुआ मांगता हूँ  करम मांगता हूँ… जो मुफ़लिस हैं उन को तू दौलत...

आए सरकार आए, मेरे दिलदार आए

मरहबा मुस्तफ़ा ! मरहबा मुस्तफ़ा ! मरहबा मुस्तफ़ा ! मरहबा मुस्तफ़ा !   मरहबा मरहबा मरहबा मरहबा आए सरकार आए, मेरे दिलदार आए मेरे ग़म-ख़्वार आए, मेरे लजपाल आए आज जश्न-ए-विलादत है सरकार का हम मनाएंगे मिल कर ब-हर-हाल भी मौसम-ए-पुर-बहाराँ महकने लगा और लाज़ा हुए दिल के अहवाल...

अहले सिरात रुह़े अमीं को ख़बर करें

अहले सिरात रुह़े अमीं को ख़बर करें जाती है उम्मत न-बवी फ़र्श पर करें   इन फ़ितना हाए ह़श्र से कह दो ह़जार करें नाजों के पाले आते हैं रह से गुज़र करें   बद हैं तो आप के हैं भले हैं तो आप के टुकड़ों से तो यहां के पले रुख़ किधर करें   सरकार हम कमीनों के अत्वार...

होता अगर ज़मीन पर साया रसूल का

होता अगर ज़मीन पर साया रसूल का फिर पाओ उम्मती कहा रखता रसूल का   पढ़ते है यु तो गैर भी कलमा रसूल का जन्नत उससे मिलेंगी जो होगा रसूल का   करते है अहतराम जनाज़ा का इसलिए वोह जारहा है देखने चेहरा रसूल का   शेर-ए-खुदा न बनता तोह बनता भी और क्या बचपन से ही...