क्या ठीक हो रुख़े न-बवी पर मिसाले गुल

क्या ठीक हो रुख़े न-बवी पर मिसाले गुल पामाले जल्वए कफ़े पा है जमाले गुल जन्नत है उनके जल्वे से जूयाए रंगों बू ऐ गुल हमारे गुल से है गुल को सुवाले गुल उन के क़दम से सिल्अ़ए ग़ाली हुई जिनां वल्लाह मेरे गुल से है जाहो जलाले गुल सुनता हूं इ़श्क़े शाह में दिल होगा ख़ूं फ़िशा या...

जो तेरा त़िफ़्ल है कामिल है या ग़ौस

जो तेरा त़िफ़्ल है कामिल है या ग़ौस तुफ़ैली का लक़ब वासिल है या ग़ौस     तसव्वुफ़ तेरे मक्तब का सबक़ है तसर्रुफ़ पर तेरा आ़मिल है या ग़ौस     तेरी सैरे इल्लल्लाह ही है फिल्लाह कि घर से चलते ही मूसिल है या ग़ौस     तू नूरे अव्वलो आख़िर है मौला तू...

या इलाही भूल जाऊं नज़्अ़ की तक्लीफ़ को

या इलाही भूल जाऊं नज़्अ़ की तक्लीफ़ को शादिये दीदारे ह़ुस्ने-मुस्त़फ़ा का साथ हो       या इलाही गोरे तीरह की जब आए सख़्त रात उन के प्यारे मुंह की सुब्ह़े जां फ़िज़ा का साथ हो       या इलाही जब पड़े मह़शर में शोरे दारो गीर अम्न देने वाले प्यारे...