होता अगर ज़मीन पर साया रसूल का

होता अगर ज़मीन पर साया रसूल का फिर पाओ उम्मती कहा रखता रसूल का   पढ़ते है यु तो गैर भी कलमा रसूल का जन्नत उससे मिलेंगी जो होगा रसूल का   करते है अहतराम जनाज़ा का इसलिए वोह जारहा है देखने चेहरा रसूल का   शेर-ए-खुदा न बनता तोह बनता भी और क्या बचपन से ही...

हम खाक हैं और खाक ही माया है हमारा

हम ख़ाक हैं और ख़ाक ही मावा है हमारा खाकी तो वोह आदम जदे आ’ला है हमारा अल्लाह हमें खाक करे अपनी तलब में येह खाक तो सरकार से तमगा है हमारा जिस खाक पे रखते थे क़दम सव्यिदे आलम उस खाक पे कुरबां दिले शैदा है हमारा खुम हो गई पुश्ते फलक इस ता’ने ज़मीं से सुन हम...

अल अमां कहर है ऐ गौस वोह तीखा तेरा

अल अमां कहर है ऐ गौस वोह तीखा तेरा मर के भी चैन से सोता नहीं मारा तेरा बादलों से कहीं रुकती है कड़कती बिजली ढालें छंट जाती हैं उठता है जो तैगा तेरा अक्स का देख के मुंह और बिफर जाता है। चार आईना के बल का नहीं नेजा तेरा कोह सरमुख हो तो इक वार में दो परकाले हाथ पड़ता ही...

Muzda Bad Aye Aasiyo

Muzda Bad Aye Aasiyo Shafe e Shahe Abrar hai Teheniyat Aye mujrimo zate Khuda Gaffar hai Chand Shak ho Paer Bolein Janawar Sajda karein Barakallah Marja-e-Alam yehi sarkar hai Jinko su-e-Aasama phaila ke jal thal bhar diye Sadqa un hatho ka pyare hamko bhi darkar hai...

सुनते हैं कि महशर में सिर्फ उनकी रसाई है

सुनते हैं कि महशर में सिर्फ उनकी रसाई है गर उनकी रसाई है लो जब तो बन आई है मछला है कि रहमत ने उम्मीद बंधाई है क्या बात तेरी मुजरिम क्या बात बनाई है बाज़ारे अमल में तो सौदा न बना अपना सरकार करम तुझमें ऐ बी की समाई है सब ने सफ़े महशर में ललकार दिया हमको ऐ बेकसों के आक़ा अब...