दिल को उनसे खुदा जुदा न करे

दिल को उनसे खुदा जुदा न करे बे कसी लूट ले खुदा न करे   इस में रौज़े का सज्दा हो कि तवाफ़ होश में जो न हो वोह क्या न करे     यह वही हैं के बख़्श देते हैं कौन इन जुर्मों पर सज़ा न करे   सब त़बीबों ने दे दिया है जबाब आह ई़सा अगर दवा न करे   दिल कहां...

शोरे महे नौ सुन कर तुझ तक मैं दवां आया

शोरे महे नौ सुन कर तुझ तक मैं दवां आया साकी मैं तेरे सदके मै दे र-मज़ा आया   इस गुल के सिवा हर फूल बा गोशे गिरां आया देखे ही गी ऐ बुलबुल जब वक्ते फुगां आया   जब बामे तजल्ली पर वोह नय्यरे जां आया सर था जो गिरा झुक कर दिल था जो तपां आया   जन्नत को हरम...

आए सरकार आए, मेरे दिलदार आए

मरहबा मुस्तफ़ा ! मरहबा मुस्तफ़ा ! मरहबा मुस्तफ़ा ! मरहबा मुस्तफ़ा !   मरहबा मरहबा मरहबा मरहबा आए सरकार आए, मेरे दिलदार आए मेरे ग़म-ख़्वार आए, मेरे लजपाल आए आज जश्न-ए-विलादत है सरकार का हम मनाएंगे मिल कर ब-हर-हाल भी मौसम-ए-पुर-बहाराँ महकने लगा और लाज़ा हुए दिल के अहवाल...

उनकी महक ने दिल के गुन्चे खिला दिये हैं

उनकी महक ने दिल के गुन्चे खिला दिये हैं जिस राह चल दिये हैं कूचे बसा दिये हैं।   जब आ गई है जोशे रहमत पे उनकी आंखें जलते बुझा दिये हैं रोते हंसा दिये हैं।   एक दिल हमारा क्या है आज़ार उसका कितना तुम ने तो चलते फिरते मुर्दे जिला दिये हैं।   उनके निसार...

सर ता ब क़दम है तने सुल्ताने ज़मन फूल

सर ता ब क़दम है तने सुल्ताने ज़मन फूल लब फूल दहन फूल ज़कन फूल बदन फूल सदक़े में तेरे बाग़ तो क्या लाए हैं “बन” फूल इस गुन्चए दिल को भी तो ईमा हो कि बन फूल तिन्का भी हमारे तो हिलाए नहीं हिलता तुम चाहो तो हो जाए अभी कोहे मिहून फूल वल्लाह जो मिल जाए मेरे गुल का...