क्या ठीक हो रुख़े न-बवी पर मिसाले गुल

क्या ठीक हो रुख़े न-बवी पर मिसाले गुल पामाले जल्वए कफ़े पा है जमाले गुल जन्नत है उनके जल्वे से जूयाए रंगों बू ऐ गुल हमारे गुल से है गुल को सुवाले गुल उन के क़दम से सिल्अ़ए ग़ाली हुई जिनां वल्लाह मेरे गुल से है जाहो जलाले गुल सुनता हूं इ़श्क़े शाह में दिल होगा ख़ूं फ़िशा या...

जोबनों पर है बहारे चमन आराइये दोस्त

जोबनों पर है बहारे चमन आराइये दोस्त खुल्द का नाम न ले बुलबुले शैदाइये दोस्त थक के बैठे तो दरे दिल पे तमन्नाइये दोस्त कौन से घर का उजाला नहीं ज़ैबाइये दोस्त   अ़र्स ए ह़श्र कुजा मौक़िफ़े मह़मूद कुजा साज़ हंगामों से रखती नहीं यकताइये दोस्त मेह़र किस मुंह से जिलौ दारिये...

इ़श्क़े मौला में हो ख़ूंबार कनारे दामन

इ़श्क़े मौला में हो ख़ूंबार कनारे दामन या खुदा जल्द कहीं आए बहारे दामन बह चली आंख भी अश्कों की त़रह़ दामन पर कि नहीं तारे नज़र जुज़ दो सेह तारे दामन अश्क बरसाऊं चले कूचए जाना से नसीम या खुदा जल्द कहीं निकले बुख़ारे दामन दिल शुदों का यह हुवा दामने अत़्हर पे हुजूम बे-दिलआबाद...