अल्लाहुम्म स़ल्लि अ़ला सय्यिदिना व मौलाना मुह़म्मदिन

अल्लाहुम्म स़ल्लि अ़ला सय्यिदिना व मौलाना मुह़म्मदिन व अ़ला आलिहि व स़हबिहि व बारिक व सल्लिम अल्लाह पढ़ता है दुरूद अपने हबीब पर रेहमान जो करता है वो तुम भी किया करो अल्लाहुम्म स़ल्लि अ़ला सय्यिदिना व मौलाना मुह़म्मदिन व अ़ला आलिहि व स़हबिहि व बारिक व सल्लिम सरवर कहूं...

दिलो-निगाह की दुनिया नई नई हुई है

दिलो-निगाह की दुनिया नई नई हुई है दुरूद पढ़ते ही ये कैसी रौशनी हुई है  मैं बस युहीं तो नहीं आ गया हूं महफ़िल में कहीं से इज़्न मिला है तो हाज़री हुई है ये सर उठाए जो मैं जा रहा हूं जानिबे-ख़ुल्द मेरे लिये मेरे आक़ा ने बात की हुई है रज़ा पुल से अब वज्द करते गुज़रिये मेरे...

लजपाल नबी मेरे दर्दां दी दवा देणा

लजपाल नबी मेरे दर्दां दी दवा देणा जदो वक़्ते-नज़अ आवे, दामन दी हवा देणा  मैं नात तेरी पढ़ना, मैं ज़िक्र तेरा करना इस ज़िक्र दी बरकत नाल मेरी क़ब्र वसा देणा दिल रोंदा ए जांदे ने जदों लोकी मदीने नूं हुण सानूं वी या आक़ा ! दरबार विखा देणा आक़ा तेरी महफ़िल विच झोलियाँ विछा...

मेरी बात बन गई है तेरी बात करते करते

इस करम का करूँ शुक्र कैसे अदा जो करम मुझ पे मेरे नबी कर दिया मैं सजाता हूँ सरकार की मेहफ़िलें मुझ को हर ग़म से रब ने बरी कर दिया   मेरी बात बन गई है तेरी बात करते करते तेरे शहर में मैं आऊं तेरी नात पड़ते पड़ते तेरे इश्क़ की बदौलत मुझे ज़िन्दगी मिली है मुझे मौत आए आक़ा !...

अब मैरी निगाहों में जचता नहीं कोई

अब मैरी निगाहों में जचता नहीं कोई जैसे मेरे सरकार है ऐसा नहीं कोई तुमसा तो हंसी आंखे ने देखा नहीं कोई ये शाने लताफत हे के साया नहीं कोई अब मैरी निगाहों में जचता नहीं कोई ए जरफे नजर देख मगर डेख अदब से सरकार का जलवा है तमाशा नहीं कोई अब मैरी निगाहों में जचता नहीं कोई...

आओ नबी की शान सुनो

आओ नबी की शान सुनो नबी हे बोलता क़ुरआन सुनो हबीब प्यारा नजर उठाए हो मोला किब्ला बदल दे कहीं ये चाहत कहीं ये केहना ए मूंसा आना संभल के खुदा हे उन्पे मेहरबान सुनो नबी हे बोलता क़ुरआन सुनो नबी का सजदा हुवा है लंबा हुसैन पुश्त पर बैठे तेरे नवासे के जिनके जोडे खुदा ने...