फिर उठा वल्वलए यादे मुग़ीलाने अरब

फिर उठा वल्वलए यादे मुग़ीलाने अरब फिर खिंचा दामने दिल सूए बयाबाने अ़रब बाग़े फ़िरदौस को जाते हैं हज़ाराने अ़रब ह़ाए सहराए अ़रब हाए बयाबाने अ़रब मीठी बातें तेरी दीने अज़म ईमाने अ़रब न-मकीं हुस्न तेरा जाने अ़जम शाने अ़रब अब तो है गिर्यए ख़ूं गौहरे दामाने अ़रब जिस में दो ला’ल...

ऐ इमामुल हुदा मुह़िब्बे रसूल

ऐ इमामुल हुदा मुह़िब्बे रसूल दीन के मुक़्तदा मुह़िब्बे रसूल     नाइबे मुस्त़फा मुह़िब्बे रसूल साह़िबे इस्त़फा़ मुह़िब्बे रसूल   ख़ादिमें मुर्तज़ा मुह़िब्बे रसूल मज़हरे इर्तज़ा मुह़िब्बे रसूल   ऐ़न ह़क़ का बना मुह़िब्बे रसूल ऐ़न ह़क़ का बना मुह़िब्बे रसूल...

दिल को उनसे खुदा जुदा न करे

दिल को उनसे खुदा जुदा न करे बे कसी लूट ले खुदा न करे   इस में रौज़े का सज्दा हो कि तवाफ़ होश में जो न हो वोह क्या न करे     यह वही हैं के बख़्श देते हैं कौन इन जुर्मों पर सज़ा न करे   सब त़बीबों ने दे दिया है जबाब आह ई़सा अगर दवा न करे   दिल कहां...

चमने त़यबा में सुम्बुल जो संवारे गेसू

चमने त़यबा में सुम्बुल जो संवारे गेसू हूर बढ़ कर शि-कने नाज़ पे वारे गेसूं       की जो बालों से तेरे रौज़े की जारूब कशी शब को शबनम ने तबर्रुक को हैं धारे गेसूं       हम सियह कारो पे या रब तपिशे मह़शर में साया अफ़्गन हो तेरे प्यारे के प्यारे...

बदल या फ़र्द जो कामिल है या ग़ौस

बदल या फ़र्द जो कामिल है या ग़ौस तेरे ही दर से मुस्तक्मिल है या ग़ौस     जो तेरी याद में ज़ाहिल है या ग़ौस वोह ज़िक्रुल्लाह से ग़ाफिल है या ग़ौस   अनस्सैय्याफ़ से जाहिल है या ग़ौस जो तेरे फ़ज़्ल पर साइल है या ग़ौस     सुख़न हैं अस्फ़िया तू मग़्ज़े मा’ना बदन...

भीनी सुहानी सुब्ह़ में ठन्डक जिगर की है

भीनी सुहानी सुब्ह़ में ठन्डक जिगर की है कलियां खिलीं दिलों की हवा यह किधर की है     खुबती हुई नज़र में अदा किस सह़र की है चुभती हुई जिगर में सदा किस गजर की है     डालें हरी हरी हैं तो बालें भरी भरी किश्ते अमल परी है यह बारिश किधर की है    ...