ख़राब हाल किया दिल को पुर मलाल किया

ख़राब हाल किया दिल को पुर मलाल किया तुम्हारे कूचे से रुख़्सत किया निहाल किया न रुए गुल अभी देखा न बूए गुल सूंघी क़ज़ा ने लाके क़फ़स में शिकस्ता हाल किया वोह दिल कि ख़ूं शुदा अरमा थे जिसमें मल डाला फुग़ां के गोरे शहीदां को पाएमाल किया यह राय क्या थी वहां से पलटने कि ऐ नफ़्स...

क्या ठीक हो रुख़े न-बवी पर मिसाले गुल

क्या ठीक हो रुख़े न-बवी पर मिसाले गुल पामाले जल्वए कफ़े पा है जमाले गुल जन्नत है उनके जल्वे से जूयाए रंगों बू ऐ गुल हमारे गुल से है गुल को सुवाले गुल उन के क़दम से सिल्अ़ए ग़ाली हुई जिनां वल्लाह मेरे गुल से है जाहो जलाले गुल सुनता हूं इ़श्क़े शाह में दिल होगा ख़ूं फ़िशा या...

जो तेरा त़िफ़्ल है कामिल है या ग़ौस

जो तेरा त़िफ़्ल है कामिल है या ग़ौस तुफ़ैली का लक़ब वासिल है या ग़ौस     तसव्वुफ़ तेरे मक्तब का सबक़ है तसर्रुफ़ पर तेरा आ़मिल है या ग़ौस     तेरी सैरे इल्लल्लाह ही है फिल्लाह कि घर से चलते ही मूसिल है या ग़ौस     तू नूरे अव्वलो आख़िर है मौला तू...

जोबनों पर है बहारे चमन आराइये दोस्त

जोबनों पर है बहारे चमन आराइये दोस्त खुल्द का नाम न ले बुलबुले शैदाइये दोस्त थक के बैठे तो दरे दिल पे तमन्नाइये दोस्त कौन से घर का उजाला नहीं ज़ैबाइये दोस्त   अ़र्स ए ह़श्र कुजा मौक़िफ़े मह़मूद कुजा साज़ हंगामों से रखती नहीं यकताइये दोस्त मेह़र किस मुंह से जिलौ दारिये...