बे नवावों की नवा सुनता है
इल्तिजा सब की खुदा सुनता है
हम के बन्दे हैं सना करते हैं
वो की ख़ालिक़ है सदा सुनता है
मैं बंदए आसी हूँ ख़ता कार हूँ मौला
लेकिन तेरी रहमत का तलबगार हूँ मौला
मैं बंदए आसी हूँ ख़ता कार हूँ मौला
वबिस्ता है उम्मीद मेरी तेरे करम से
तेरा हूँ, फ़क़त तेरा परस्तार हूँ मौला
मैं बंदए आसी हूँ ख़ता कार हूँ मौला
फिर तू मेरे ईमा को तवानाई अता कर
बरसों नही सदियों से मैं बीमार हूँ मौला
मैं बंदए आसी हूँ ख़ता कार हूँ मौला
बाहर के उजाले मुझे क्या राह सुझाएँ
अंदर के अंधेरों में ग्रिफ्तार हूँ मौला
मैं बंदए आसी हूँ ख़ता कार हूँ मौला
जिन से मैं गुज़र जाऊँ वो दर खोल दे मुझ में
ख़ुद अपने ही रस्ते की मैं दीवार हूँ मौला
मैं बंदए आसी हूँ ख़ता कार हूँ मौला
इक तेरा इशारा हो और आसान हो मुश्किल
इक लहर उठे और मैं उस पार हूँ मौला
मैं बंदए आसी हूँ ख़ता कार हूँ मौला