फ़लक के नज़ारो ! ज़मीं की बहारो !
सब ईदें मनाओ, हुज़ूर आ गए हैं
उठो ग़म के मारो ! चलो बे-सहारो !
ख़बर ये सुनाओ, हुज़ूर आ गए हैं
हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं
अनोखा निराला वो ज़ी-शान आया, वो सारे रसूलों का सुल्तान आया
अरे कज-कुलाहो ! अरे बादशाहो ! निगाहें झुकाओ, हुज़ूर आ गए हैं
हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं
हुवा चार-सू रहमतों का बसेरा, उजाला उजाला, सवेरा सवेरा
हलीमा को पहुंची ख़बर आमिना की, मेरे घर में आओ, हुज़ूर आ गए हैं
हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं
हवाओं में जज़्बात हैं मरहबा के, फ़ज़ाओं में नग़्मात सल्ले अला के
दुरूदों के कजरे, सलामों के तोह्फ़े ग़ुलामों सजाओ, हुज़ूर आ गए हैं
हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं
समाँ है सना-ए-हबीब-ए-ख़ुदा का, ये मीलाद है सरवर-ए-अम्बिया का
नबी के गदाओ ! सब इक दूसरे को गले से लगाओ, हुज़ूर आ गए हैं
हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं
कहाँ मैं ज़हूरी ! कहाँ उन की बातें ! करम ही करम है ये दिन और रातें
जहाँ पर भी जाओ, दिलोँ को जगाओ, यही कहते जाओ, हुज़ूर आ गए हैं
हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं