आप आए तो, दुनिया मुनव्वर हुई
बज़्म-ए-कौनैन में रौशनी घर घर हुई

हादी-ए-दो-जहाँ ! हो सलाम आप पर
सरवर-ए-इन्स-ओ-जां ! हो सलाम आप पर

देखते क्या हो ! अहल-ए-सफ़ा !
आ पहुंचे महबूब-ए-ख़ुदा
या’नी हो चुके जल्वा-नुमा
शाह-ए-हक़, शाह-ए-बतहा

ला-इलाहा इल्लल्लाह, ला-इलाहा इल्लल्लाह
ला-इलाहा इल्लल्लाह, ला-इलाहा इल्लल्लाह
आमन्ना बि-रसूलिल्लाह, आमन्ना बि-रसूलिल्लाह

ख़ल्क़ के रहबर आ पहुंचे
हक़ के पयंबर आ पहुंचे
शाफ़-ए-महशर आ पहुंचे
साक़ी-ए-कौसर आ पहुंचे

मरहबा रसूलुल्लाह, मरहबा रसूलुल्लाह
मरहबा रसूलुल्लाह, मरहबा रसूलुल्लाह
मरहबा रसूलुल्लाह, मरहबा रसूलुल्लाह

साक़ी-ए-कौसर ! बहर-ए-ख़ुदा !
आज तो ऐसा जाम पिला
उठ जाए पर्दा जुदाई का
जल्वा-ए-ज़ेबा हम को दिखा

मरहबा रसूलुल्लाह, मरहबा रसूलुल्लाह
मरहबा रसूलुल्लाह, मरहबा रसूलुल्लाह
मरहबा रसूलुल्लाह, मरहबा रसूलुल्लाह

जिस्म से हो जब जान जुदा
हम को मिले फ़िरदौस में जा
लूटें हम क़ुर्बत का मज़ा
तेरी, ए महबूब-ए-ख़ुदा !

मरहबा रसूलुल्लाह, मरहबा रसूलुल्लाह
मरहबा रसूलुल्लाह, मरहबा रसूलुल्लाह
मरहबा रसूलुल्लाह, मरहबा रसूलुल्लाह

जन्नत की जब सैर करें
हम भी सब हमराह चलें
हौज़-ए-कौसर पर पहुंचें
हाथ से आप के जाम पिएँ

मरहबा रसूलुल्लाह, मरहबा रसूलुल्लाह
मरहबा रसूलुल्लाह, मरहबा रसूलुल्लाह
मरहबा रसूलुल्लाह, मरहबा रसूलुल्लाह

जो इस बज़्म में शामिल हो
उस पर रहमत नाज़िल हो
जिस घर में ये महफ़िल हो
इज़्ज़त-ओ-बरकत दाख़िल हो

मरहबा रसूलुल्लाह, मरहबा रसूलुल्लाह
मरहबा रसूलुल्लाह, मरहबा रसूलुल्लाह
मरहबा रसूलुल्लाह, मरहबा रसूलुल्लाह

दावर-ए-कुल ए रब्ब-ए-उला !
सदक़ा ज़ात-ए-मुहम्मद का
जारी रहे ता-रोज़-ए-जज़ा
मज़हब अहल-ए-सुन्नत का