ख़ुदा की अज़्मतें क्या हैं, मुहम्मद मुस्तफ़ा जाने
मक़ाम-ए-मुस्तफ़ा क्या है, मुहम्मद का ख़ुदा जाने
सदा करना तो मेरे बस में था मैंने सदा कर दी
वो क्या देंगे, मैं क्या लूँगा, सख़ी जाने, गदा जाने
ख़ुदा की अज़्मतें क्या हैं, मुहम्मद मुस्तफ़ा जाने
मक़ाम-ए-मुस्तफ़ा क्या है, मुहम्मद का ख़ुदा जाने
कहा जिब्रील ने सिदरा तलक मेरी रसाई है
हैं कितनी मंजिलें आगे, नबी जाने, ख़ुदा जाने
ख़ुदा की अज़्मतें क्या हैं, मुहम्मद मुस्तफ़ा जाने
मक़ाम-ए-मुस्तफ़ा क्या है, मुहम्मद का ख़ुदा जाने
मेरी मिट्टी मदीन-ए-पाक की रह में बिछा देना
कहाँ ले जाती है इस को मदीने की हवा जाने
ख़ुदा की अज़्मतें क्या हैं, मुहम्मद मुस्तफ़ा जाने
मक़ाम-ए-मुस्तफ़ा क्या है, मुहम्मद का ख़ुदा जाने
मुझे तो सुर्ख़-रू होना है आक़ा की निग़ाहों में
ज़माने का है क्या नासिर ! भला जाने, बुरा जाने
ख़ुदा की अज़्मतें क्या हैं, मुहम्मद मुस्तफ़ा जाने
मक़ाम-ए-मुस्तफ़ा क्या है, मुहम्मद का ख़ुदा जाने