करम मांगता हूँ, अता मांगता हूँ
इलाही मैं तुझ से दुआ मांगता हूँ

 

करम मांगता हूँ…
अता कर तू शान-ए-करीमी का सदक़ा
तू दे दे इलाही ! रहीमी का सदक़ा
न मांगूंगा तुझ से तो मांगूंगा किस से
तेरा हूँ तुझी से दुआ मांगता हूँ 

करम मांगता हूँ…

जो मुफ़लिस हैं उन को तू दौलत अता कर
जो बीमार हैं उन को सेहत अता कर
मरीज़ों की ख़ातिर शिफा मांगता हूँ

इलाही मैं तुझ से दुआ मांगता हूँ
करम मांगता हूँ…

जो नादार हैं कुछ नहीं जिन के पल्ले
उन्हें भी दिखा दे हरम के तू जल्वे
हुज़ूरी हो सब की, दुआ मांगता हूँ

इलाही मैं तुझ से दुआ मांगता हूँ
करम मांगता हूँ…

इलाही तुझे वास्ता पंजतन का
हो शादाब गुंचा दिलों के चमन का
ये दामन हमारा मुरादों से भर दे
मैं सदक़ा-ए-ग़ौस-उल-वरा मांगता हूँ

करम मांगता हूँ, अता मांगता हूँ
इलाही मैं तुझ से दुआ मांगता