
बे खुद कि डेते ये हे
बे खुद किडेते ये हेन्, अन्दाज ए हिजाबान आ डिल मेइन टुझरी रख लून्, ऐए जल्व ए जानना जी चहता है टोउह्फरी मेइन बेह्जोउन मैन उन्हेइन आखेइन् करी डर्शन क टो डर्शन हो, णज्रनरी क णज्रना । क्युन आन्ख मिलयी ठि, क्यून आग लगयी ठि अब रुख को चुपा बैथ कर केय मुझरी डेवना ।...
सुनते हैं कि महशर में सिर्फ उनकी रसाई है
सुनते हैं कि महशर में सिर्फ उनकी रसाई है गर उनकी रसाई है लो जब तो बन आई है मछला है कि रहमत ने उम्मीद बंधाई है क्या बात तेरी मुजरिम क्या बात बनाई है बाज़ारे अमल में तो सौदा न बना अपना सरकार करम तुझमें ऐ बी की समाई है सब ने सफ़े महशर में ललकार दिया हमको ऐ बेकसों के आक़ा अब...
शहर-ए-तयबा का वो बाज़ार बड़ा प्यारा है ।
शहर-ए-तयबा का वो बाज़ार बड़ा प्यारा है हम गुलामों का ख़रीदार बड़ा प्यारा है। रोज़ कहती है मदीने में उतर के जन्नत या नबी ! आप का दरबार बड़ा प्यारा है। देख कर कहते थे सिद्दीक़ को मेरे आका ऐ सहाबा ! ये मेरा यार बड़ा प्यारा है यूँ तो इज़हार-ए-मोहब्बत है किया कितनो...
मुझे रंग दे मुझे रंग दे
मुझे रंग दे मुझे रंग दे मुझे अपने रंग में रंग देमौला मौला रंग दे मौला मौला मौला तू करीम है तू रहीम है तेरी ज़ात सब से अज़ीम हैनहीं तुझ सा कोई भी दूसरा तू कबीर है तू अलीम है मुझे रंग दे मुझे रंग देमुझे अपने रंग में रंग देमौला मौला रंग दे मौला मौला मौला ये लताफते ये...