
ख़ुदा की अज़्मतें क्या हैं, मुहम्मद मुस्तफ़ा जाने
ख़ुदा की अज़्मतें क्या हैं, मुहम्मद मुस्तफ़ा जाने मक़ाम-ए-मुस्तफ़ा क्या है, मुहम्मद का ख़ुदा जाने सदा करना तो मेरे बस में था मैंने सदा कर दी वो क्या देंगे, मैं क्या लूँगा, सख़ी जाने, गदा जाने ख़ुदा की अज़्मतें क्या हैं, मुहम्मद मुस्तफ़ा जाने मक़ाम-ए-मुस्तफ़ा क्या है, मुहम्मद का...
ख़ैरात लेने आ गए मंगते तुम्हारे ख़्वाजा
ख़ैरात लेने आ गए मंगते तुम्हारे ख़्वाजा भर दीजिए दामन मुरादों से हमारे ख़्वाजा मेरे ख़्वाजा पिया, मेरे ख़्वाजा पिया मेरे ख़्वाजा पिया, मेरे ख़्वाजा पिया मंगतों की रखले लाज कर दे सब मुरादें पूरी दामन पसारे आ गए तेरे द्वारे ख़्वाजा ख़ैरात लेने आ गए मंगते तुम्हारे ख़्वाजा भर दीजिए...
करम मांगता हूँ, अता मांगता हूँ
करम मांगता हूँ, अता मांगता हूँ इलाही मैं तुझ से दुआ मांगता हूँ करम मांगता हूँ… अता कर तू शान-ए-करीमी का सदक़ा तू दे दे इलाही ! रहीमी का सदक़ा न मांगूंगा तुझ से तो मांगूंगा किस से तेरा हूँ तुझी से दुआ मांगता हूँ करम मांगता हूँ… जो मुफ़लिस हैं उन को तू दौलत...
कालियाँ ज़ुल्फाँ वाला दुखी दिलाँ दा सहारा
कालियाँ ज़ुल्फाँ वाला दुखी दिलाँ दा सहारा क़सम ख़ुदा दी ! मैनूं सब नालों प्यारा दसां की मैं मुस्तफ़ा दी केडी सोहणी शान ए ! आप दी ता’रीफ़ विच सारा ई क़ुरआन ए ! पढ़ के तू वेख जेह्ड़ा मरज़ी सिपारा क़सम ख़ुदा दी ! मैनूं सब नालों प्यारा कालियाँ ज़ुल्फाँ वाला दुखी दिलाँ दा सहारा...
गम हो गए बे शुमार आका
गम हो गए बे शुमार आका बन्दा तेरे निसार आका बिगड़ा जाता है खेल मेरा आका आका संवार आका मजधार पे आ के नाव डूबी दे हाथ के हूं मै पार आका टूटी जाती हे पीठ मेरी लिल्लाह येह बोझ उतार आका हलका हे अगर हमारा पल्ला भारी हे तेरा वकार आका मजबूर हैं हम तो फीकर क्या हे तुम को तो हे...
फ़लक के नज़ारो ! ज़मीं की बहारो !
फ़लक के नज़ारो ! ज़मीं की बहारो ! सब ईदें मनाओ, हुज़ूर आ गए हैं उठो ग़म के मारो ! चलो बे-सहारो ! ख़बर ये सुनाओ, हुज़ूर आ गए हैं हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं अनोखा निराला वो ज़ी-शान आया, वो सारे रसूलों का सुल्तान आया अरे कज-कुलाहो ! अरे...
ईदे मीलादुन्नबी है दिल बड़ा मसरूर है
ईदे मीलादुन्नबी है दिल बड़ा मसरूर है हर तरफ है शादमानी, रन्जो-ग़म काफूर है इस तरफ जो नूर है तो उस तरफ भी नूर है ज़र्रा ज़र्रा सब जहां का नूर से मा’मूर है हर मलक है शादमां खुश आज हर इक हूर है हां ! मगर शैतान मअ रु-फक़ा बड़ा रन्जूर है आमदे सरकार से ज़ुल्मत हुई काफूर है क्या...
ढूंढते रह जाओगे, ढूंढते रह जाओगे
ढूंढते रह जाओगे, ढूंढते रह जाओगे ढूंढते रह जाओगे, ढूंढते रह जाओगे नूर का एसा सरपा ढूंढते रह जाओगे, ढूंढते रह जाओगे ढूंढते रह जाओगे, ढूंढते रह जाओगे साया मेरे मुस्तफ़ा का ढूंढते रह जाओगे, ढूंढते रह जाओगे ढूंढते रह जाओगे, ढूंढते रह जाओगे नात की आदत हमे...
देखते क्या हो ! अहल-ए-सफ़ा !
आप आए तो, दुनिया मुनव्वर हुई बज़्म-ए-कौनैन में रौशनी घर घर हुई हादी-ए-दो-जहाँ ! हो सलाम आप पर सरवर-ए-इन्स-ओ-जां ! हो सलाम आप पर देखते क्या हो ! अहल-ए-सफ़ा ! आ पहुंचे महबूब-ए-ख़ुदा या’नी हो चुके जल्वा-नुमा शाह-ए-हक़, शाह-ए-बतहा ला-इलाहा इल्लल्लाह, ला-इलाहा इल्लल्लाह...
दरबार-ए-मदीना सा दरबार नहीं मिलता
दरबार-ए-मदीना सा दरबार नहीं मिलता सरकार-ए-दो-आलम सा सरकार नहीं मिलता हर ज़र्रा चमकता है अनवार-ए-इलाही से तयबा का कोई ज़र्रा बे-कार नहीं मिलता दरबार-ए-मदीना सा दरबार नहीं मिलता सरकार-ए-दो-आलम सा सरकार नहीं मिलता ऐ मिस्र के बाज़ारो ! अच्छे हो बहुत लेकिन तयबा से हसीँ कोई...