लम याति नज़ीरुक फ़ी नज़रिन, मिस्ले तो न शुद पैदा जाना
जग राज को ताज तोरे सर सो, है तुझ को शहे दो सरा जाना
अल-बहरू अला वल-मौजु तगा, मन बे कसो तूफ़ां होशरुबा
मंजधार में हूं बिगड़ी है हवा, मोरी नय्या पार लगा जाना
या शम्शू नज़रति इला लैली, चू ब तयबा रसी अर्ज़े बुकुनी
तोरी जोत की झल झल जग में रची, मेरी शब ने न दिन होना जाना
अना फी अतशिव्व सखाक अतम, ऐ गेसूए पाक ऐ अब्रे करम
बरसन हारे रिमझिम रिमझिम, दो बूंद इधर भी गिरा जाना
या क़ाफ़िलती ज़ीदी अजलक, रहमे बर हस्रते तिश्ना लबक
मोरा जियरा लरजे दरक दरक तयबा से अभी न सुना जाना
वाहन लिसुवय आतीन ज़हबत, आं अहदे हुज़ूरे बार गहत
जब याद आवत मोहे कर न परत दरदा वोह मदीने का जाना
अल-क़ल्बु शजि-व्वलहम्मु-शुजूं, दिल ज़ार चुनां जां ज़ेरे चुनूं
पत अपनी बिपत में का से कहूं मेरा कौन है तेरे सिवा जाना
अर्रुहु फ़िदाक फ़ज़िद हरक़ा, यक शो’ला दिगर बरज़न इश्क़ा
मोरा तन मन धन सब फूंक दिया यह जान भी प्यारे जला जाना
बस ख़ामए ख़ाम नवाए रज़ा न येह तर्ज़ मेरी न येह रंग मेरा
इर्शादे अहिब्बा नातिक़ था नाचार इस राह पड़ा जाना