गुलो की है वो ताज़गी
है चाँद जिन से शबनमी
वो कहकशा की रोशनी
हवाओं की वो रागिनी
फ़ज़ाओं की वो नगमगी
हवाओं की वो रागिनी
फ़ज़ाओं की वो नगमगी
है कितना प्यारा नाम भी
नबी, नबी, नबी, नबी,…..
हवाओं की वो रागिनी
फ़ज़ाओं की वो नगमगी
हवाओं की वो रागिनी
फ़ज़ाओं की वो नगमगी
नबी, नबी, नबी, नबी,…..
ये आमादे बहार
वो नूर की कतार है
फ़ज़ा भी कुश गवार है
हवा भी मुशटवार है
ये आमादे बहार
हवा से मैने जब कहा
ये कौन आगया बता
हवा पुकरती चलीं
नबी, नबी, नबी, नबी,…..
हवा से मैने जब कहा
ये कौन आगया बता
हवा पुकरती चलीं
नबी, नबी, नबी, नबी,…..
ज़मी बने ज़मान बने
मकई बने मकां बने
चुनी बने चुना बने
वो वाज है कन फाका बने
ज़मी बने ज़मान बने
मकई बने मकां बने
चुनी बने चुना बने
वो वाज है कन फाका बने
कहा है मैने एह खुदा
ये किस के सदक़े में बना
कहा है मैने एह खुदा
ये किस के सदक़े में बना
तो रब ने भी कहा यहीं
नबी, नबी, नबी, नबी,…..
वो हुसने ला जवाब है
वो इश्क़ुए बे मिसाल है
जो वा चरफ़ का इनाम है
नबी का वो विलाड है
बदन सो लघ्ते है टिपर
ये टरटारा उते हज़ार
ज़बान पाई ता मगर यही
नबी, नबी, नबी, नबी,…..
बदन सो लघ्ते है टिपर
ये टरटारा उते हज़ार
ज़बान पाई ता मगर यही
चले जो क़त्ल को उमर
कहा किसी ने रोके कर
कहा चले और कीदार
मनाज क्यूँ है अर्श पर
चले जो क़त्ल को उमर
कहा किसी ने रोके कर
कहा चले और कीदार
मनाज क्यूँ है अर्श पर
ज़ररा बहें की लो खबर
फिडाह है वो रसूल पर
ज़ररा बहें की लो खबर
फिडाह है वो रसूल पर
वो कहराहि है हर घारी
ज़ररा बहें की लो खबर
फिडाह है वो रसूल पर
वो कहराहि है हर घारी
उमर चले बहें के घर
ये दिल मे सोच सोच कर
उराएँगे हम उन का सर
जो है नबी के दीं पर
उमर चले बहें के घर
ये दिल मे सोच सोच कर
उराएँगे हम उन का सर
जो है नबी के दीं पर
सुना है जब क़ूर’आन को
खुदा के उस बयान को
सुना है जब क़ूर’आन को
खुदा के उस बयान को
उमर ने भी कहाँ यही
सुना है जब क़ूर’आन को
खुदा के उस बयान को
सुना है जब क़ूर’आन को
खुदा के उस बयान को
उमर ने भी कहाँ यही
वो इश्क़ुए का उसूल है
वो सुन्नियत का फूल है
वो एहसबा उसूल ता
के आशिक़ुए रसूल ता
वो इश्क़ुए का उसूल है
वो सुन्नियत का फूल है
वो एहसबा उसूल ता
के आशिक़ुए रसूल ता
रज़ा से मेने जब कहा
यह शान किस ने की आता
रज़ा से मेने जब कहा
यह शान किस ने की आता
रज़ा ने भी कहा यहीं
रज़ा से मेने जब कहा
यह शान किस ने की आता
रज़ा से मेने जब कहा
यह शान किस ने की आता
रज़ा ने भी कहा यहीं.
नबी, नबी, नबी, नबी,…..